मज़हब कुछ हो हिंदी हैं हम सारे भाई भाई हैं,
हिन्दू हैं या मुस्लिम हैं या सिख हैं या ईसाई हैं।
प्रेम ने सब को एक किया है प्रेम के हम शैदाई हैं,
भारत नाम के आशिक़ हैं हम भारत के शौदाई हैं।
भारत प्यारा देश हमारा सब देशों से न्यारा है।
– अफ़सर मेरठी
मज़हब कुछ हो हिंदी हैं हम सारे भाई भाई हैं,
हिन्दू हैं या मुस्लिम हैं या सिख हैं या ईसाई हैं।
प्रेम ने सब को एक किया है प्रेम के हम शैदाई हैं,
भारत नाम के आशिक़ हैं हम भारत के शौदाई हैं।
भारत प्यारा देश हमारा सब देशों से न्यारा है।
– अफ़सर मेरठी