हम अपने खून से लिक्खें कहानी ऐ वतन मेरे,
करें कुर्बान हँस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे।
दिली ख्वाहिश नहीं कोई मगर ये इल्तिजा बस है…
हम अपने खून से लिक्खें कहानी ऐ वतन मेरे,
करें कुर्बान हँस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे।
दिली ख्वाहिश नहीं कोई मगर ये इल्तिजा बस है…