टीचर: बताओ वह कौनसी चीज है जो खींचने के बाद छोटी हो जाती है?
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पप्पू: जी, सिगरेट!
राकेश, दिल्ली
टीचर: बताओ वह कौनसी चीज है जो खींचने के बाद छोटी हो जाती है?
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पप्पू: जी, सिगरेट!
राकेश, दिल्ली
हर सवाल का जवाब नहीं मिल सकता…
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काश! यह बात
हम एग्जाम में लिख सकते!
पप्पू, दिल्ली
ज़रा सी ज़िंदगी है, अरमान बहुत हैं,
हमदर्द नहीं कोई, इंसान बहुत हैं,
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको,
जो दिल के करीब है, वो अनजान बहुत है।
न जाने क्यों हमें आँसू बहाना नहीं आता,
न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल बताना नहीं आता,
क्यों सब दोस्त बिछड़ गए हमसे,
शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता
वो नाराज़ हैं हमसे कि हम कुछ लिखते नहीं,
कहाँ से लाएं लफ्ज़ जब हमको मिलते नहीं,
दर्द की ज़ुबान होती तो बता देते शायद,
वो ज़ख्म कैसे दिखाए जो दिखते नहीं।
दिल मेरा जो अगर रोया न होता,
हमने भी आँखों को भिगोया न होता,
दो पल की हँसी में छुपा लेता ग़मों को,
ख़्वाब की हक़ीक़त को जो संजोया नहीं होता!
रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है,
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है,
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू,
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है।
हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे,
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे,
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया,
हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
जो नजर से गुजर जाया करते हैं,
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं,
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं।
पप्पः शांति किसके घर में रहती है?
गप्पूः जिस घर में पति और पत्नी दोनों मोबाइल चलाते हैं।
विजय, बरेली
टीचरः दशमलव किसे कहते हैं?
रामूः जब 10 से लव हो जाए, उसी को दशमलव कहते हैं।
टीचर ने रामू को मन भरकर धोया।
संजय, लखनऊ